Hello Everyone,
Good morning to all of my Readers.
I am going to tell you about a lady who is
IVF Specialist and Endoscopic Surgeon. Co-convener for Beti Bachao, Beti Padhao (U.P).
Gen sec F.A.N.S (U.P)
Dr PRIYAMWADA TOMAR
BIOGRAPHY
डा. प्रियम्वदा तोमर पौत्री स्व. पूर्णचन्द्र आर्य, पुत्री श्री वेद प्रकाश तोमर
मेरा जन्म सन १९६२ में, ग्राम बूढ़पुर जिला बागपत के एक प्रखर एवं देशभक्त परिवार में हुआ। बिडला बालिका विद्यापीठ पिलानी से प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त लाला लाजपत राय स्मारक मैडिकल कॉलेज मेरठ से M.B.B.S. एवं पोस्ट ग्रेजुएशन की शिक्षा ग्रहणकर १९९२ में शामली को अपनी कर्म स्थली चुना और पुरी ईमानदारी एवं कर्तव्य निष्ठा से इस क्षेत्र की सेवा करने का संकल्प लिया।
मैंने पिछले करीब २१ वर्षों में अपने चिकित्सीय कार्य के साथ-साथ कैराना संसदीय क्षेत्र में विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से अनेक चिकित्सीय शिविर आयोजित कर जनता को निःशुल्क लाभान्वित किया।
चिकित्सा के क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग करके नये आयाम स्थापित किये एवं क्षेत्र के लोगों को टेस्टट्यूब बेबी जैसी अनेक दुर्लभ सुविधाएं उपलब्ध कराई।
मेरे पति जिला मुज्ज़फर नगर के एक प्रतिष्ठित एवं समाज सेवी परिवार से सम्बन्धित, डा. रवीन्द्र तोमर शामली क्षेत्र के सुप्रसिद्ध चिकित्सक हैं और पिछले २१ वर्षों से अपनी जनसेवा, कर्मण्यता व सद्व्यवहार से क्षेत्र की जनता में लोकप्रिय हैं।
पारिवारिक, सामाजिक एवं राजनैतिक पृष्ठभूमि
मेरे बाबाजी
मैं एक प्रमुख देशभक्त, प्रखर राष्ट्रवादी परिवार से सम्बन्धित हूँ। मेरे बबजी श्री पूर्णचन्द्र आर्य जो सन्यास के बाद पूर्णानन्द सरस्वती के नाम से जाने गये, एक सुप्रसिद्ध आर्य विद्वान एवं स्वतन्त्रता सेनानी थे जिनका कार्यक्षेत्र पेशावर से लेकर धुर दक्षिण हैदराबाद था।
सन १९२१ में मेरे बाबा जी, महात्मा गांधी द्वारा चलाये गये असहयोग आन्दोलन में राष्ट्रीय भावनाओं से ओत-प्रोत होकर पुलिस सब इंस्पैक्टर का पद त्यागकर राष्ट्रीय आन्दोलन में कूद पड़े और गांधी जी से साबरमती आश्रम में भेंट करके उन्होनें अपने जीवन को राष्ट्र के लिये समर्पित कर दिया।
सन् १९३०-३१ में नमक सत्याग्रह में मेरे बाबाजी ने १० माह की कठोर कैद की सजा पाई। उक्त आन्दोलन में परिवार के १७ सदस्यों को गिरफ़्तार किया गया। इसके पश्चात भी अनेक आन्दोलनों से जुड़े होने के कारण उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा।
सन १९५२ में बाबा जी, नेहरू जी द्वारा अपनायी गई नीतियों के विरोध में तथा तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राजर्षि श्री पुरूषोत्तम दास टण्डन को नेहरू जी की तानाशाही एवं हिन्दी विरोधी नीति के कारण जिस प्रकार कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटना पड़ा, के विरोध स्वरूप बागपत क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट को ठुकराकर राजनीति से पूर्ण सन्यास लेकर जीवनपर्यन्त नेहरू जी की नीतियों का विरोध करते रहे।
इसके अतिरिक्त उन्होंने अछूतोध्दार, गौरक्षा व हिन्दी आन्दोलनों में अग्रणीय रह कर आन्दोलनों का नेतृत्व किया।
मेरे पिताजी
मेरे पिताजी, श्री वेदप्रकाश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने कैराना तथा मुज़फ्फर नगर लोकसभा क्षेत्र में चकबन्दी विभाग में राजपत्रित अधिकारी के रूप में काम किया। अपनी ईमानदारी और स्वच्छ छवि के कारण वे आज भी इस क्षेत्र की जनता में लोकप्रिय हैं।
मेरा शेष परिवार भी शिक्षित एवं राष्ट्रवादी विचारों से ओत-प्रोत है। मेरे अतिरिक्त परिवार में आई.ए.एस, डॉक्टर, इंजीनियर व प्रोफ़ेसर हैं। मेरे ऊपर अपने परिवार की अमिट छाप होने के कारण मैं बचपन से ही सभी राष्ट्रीय एवं सामाजिक आन्दोलनों से जुडी़ रही हूँ। मेरे पूज्य बाबाजी, पिताजी एवं परिवार के सभी संस्कार मुझे विरासत में मिले हैं जिनको मैंने अपने जीवन में उतारने का भरसक प्रयास किया है।
Dr. Priyamvada Tomar
Girls’ Education functions as a force multiplier in national development, yielding economic and social returns at the individual, family and societal levels.
Khushiyon ka Sansar ho tum,
Prem ka Aagar ho tum,
Ghar aangan ko Roshan karti,
Suraj ki damkar ho tum.
Kin shabdo mein du Paribhasha ?
Nari Tum ho sabki Asha.
Dr PRIYAMWADA TOMAR
A WOMEN is doing something for SOCIETY without seeing her profit.
#BetiBachaoBetiPadhao
VISHAL AHLAWAT