कब तक सहेंगी महिलाएं इस समाज में जुर्म? क्या इस देश में महिलाओं का कोई स्थान नहीं? क्यों आज की यह मॉडर्न पीढ़ी अपनी सोच नहीं बदलती? महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि महिलाएं इस सदी में महफूज नहीं हैं।
आए दिन महिलाओं पर होने वाले अपराधों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इसमें सबसे ज्यादा मामले दुष्कर्म के हैं। आज से तीन साल पहले दिल्ली में हुए निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले ने भारत समेत पूरे दुनिया को झकझोर कर रख दिया था।
भारत जैसे देश में कहा जाता है कि ‘जहां नारियों की इज्जत होती है, वहां भगवान का वास होता है’ फिर भी यहां पर महिलाओं पर अन्य किसी देश की तुलना में ज्यादा अपराध होता है।
समाज के कुछ मनचले ही दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देने से बाज नहीं आते हैं। ऐसे लोगों को समाज द्वारा ही सजा देनी चाहिए, क्योंकि कानून से बचने के सारे उपायों को यह जानते हैं। और कानून का उनको कोई डर भी नहीं होता है।
हम और आप महिलाओं के बिना किसी समाज की कल्पना तक नहीं कर सकते हैं। वही समाज का एक मूलभूत अंग होती हैं तो हम यह सब क्यों भूल जाते हैं क्यों उन्हें इस तरह की प्रताड़ना से गुजरना पड़ता है।सिर्फ दुष्कर्म ही नहीं, बल्कि लिंगानुपात का घटना भी महिलाओं के लिए किसी अपराध से कम नहीं है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत देश के कई प्रमुख राज्यों में लिंगानुपात बहुत बड़ी समस्या है, इससे हम और आप यही कल्पना कर सकते हैं कि एक दिन भारत में महिलाओं की दयनीय स्थिति हो जाएगी।
प्रधानमंत्री द्वारा चलाए गए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान’ इस समस्या से निपटने में कारगर सिद्ध हो सकती है और हम सबको इसका समर्थन भी करना चाहिए।
समाज में बहुत से लोग है जो सामाजिक कार्य को
ईश्वरीय कार्य मानकर सच्चे दिल से कर रहे है ।
ऐसी ही एक महिला है जो समाज में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के लिए महिलाओ को प्रेरित कर रही है और उन्हें उनके अधिकारों से जागरूक कर उनको शशक्त बना रहीं है।
उनका नाम है
‘ नेहा शालिनी दुआ ‘
नेहा शालिनी दुआ नेहा फाउंडेशन की संस्थापक है,
संयोजिका- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ भाजयुमो
महामंत्री- हिन्दू वाहिनी
जॉइंट सेक्रेटरी BLSP
नेहा जी के साथ बातचीत
◆ आपके अनुसार महिला सशक्तिकरण क्या है ?
● महिला सशक्तिकरण वो है जहाँ महिला अपने ऊपर दया नहीं करती , और आत्मनिर्भर होती है कि मैं समाज में जो भी कुरीतिया है उनके खिलाफ आवाज़ उठाउंगी और मैं आगे बढ़कर अपने देश की महिलाओं के आत्मसम्मान की रक्षा करना ही महिला सशक्तिकरण है।
हमें समाज में ही नहीं, बल्कि परिवार के भीतर भी महिलाओं और पुरुषों के बीच भेदभाव को रोकना होगा।”
“महिलाओं को खुद से जुड़े फैसले लेने की स्वतंत्रता होनी चाहिए – सही मायने में हम तभी नारी सशक्तिकरण को सार्थक कर सकते हैं।”
“नारी सशक्तिकरण में आर्थिक स्वतंत्रता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। चाहे वो शोध से जुड़ी गतिविधियां हों या फिर शिक्षा क्षेत्र, महिलाएं काफी अच्छा काम कर रही हैं। कृषि के क्षेत्र में भी महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है।”
◆एक सशक्त महिला के गुण क्या हैं?
● एक शशक्त महिला देश को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
शशक्त महिला के गुण ;
1. अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाना
2. लीडरशिप
3. आत्मनिर्भरता
4.आत्मविश्वासी
5. अपने अधिकारों से जागरूक
6. मजबूत और शशक्त
◆आपको क्यों लगता है कि देश के समग्र विकास के लिए महिला सशक्तिकरण महत्वपूर्ण है?
● चाहे खेल कूद हो अथवा अंतरिक्ष विज्ञान, हमारे देश की महिलाएं किसी से पीछे नहीं हैं। वे आगे बढ़ रही हैं और अपनी उपलब्धियों से देश का गौरव बढ़ा रही हैं।”
“नारी सशक्तिकरण के बिना मानवता का विकास अधूरा है।
देश के लिए इतना जरूरी है जितना एक इंसान के लिए सांस लेना जरूरी है ।
◆ एक महिला होकर अपने समाज में हो रहे अपराधों और अन्यायों के खिलाफ आपने आवाज़ उठाई , कैसा लगता है आपको सामाजिक कार्य कर ?
● हर रोज महिलाओं को थप्पड़ों, लातों, पिटाई, अपमान, धमकियों, यौन शोषण और अनेक अन्य हिंसात्मक घटनाओं का सामना करना पड़ता है ।यहां तक कि उनके जीवन साथी या उसके परिवार के सदस्य उनकी हत्या कर देते हैं ।इन सबके बावजूद हमें इस प्रकार की हिंसा के परे में अधिक पता नहीं चलता है क्योंकि शोषित व प्रताड़ित महिलाएं इसके बारे में चर्चा करने से घबराती, डरती व झिझकती हैं।
ये सब देख कर बाद बुरा महसूस होता है , और सभी महिलाओं और लड़कियों को उनके अधिकारों को समझा कर मैं चाहती हु की वो सब अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाएं और शशक्त रहे ।
◆ आपने नेहा फाउंडेशन की स्थापना किस संगठन से की? किस घटना से प्रेरित होकर आपके नेहा फाउंडेशन स्थापित की ।
● एक बार मैं रेड लाइट पर रुकी हुई थी तब वह एक लड़की आयी
वह लड़की बहुत ही गंदी और मैली थी और उसने मुझसे आकर भीक मांगी,
पर मैं स्वछता के ऊपर कार्य करती हूं तो मैंने उसे कहा कि मैं तुझे भीक नहीं दूंगी बल्कि मैं तुझे साबुन और शैम्पू दूंगी जिस से तुम नाहा कर साफ सुथरे रहोगे और बीमारी से दूर रहोगे ,
पर उस लड़की ने माना कर दिया ,
फिर उसने मुझे बताया कि हम गंदे रहना नहीं चाहते पर हमें रहना पड़ता है ,
क्योंकि बहुत से लोग ऐसे ही जो शराब पीकर आते है और हमारे साथ बदतमीज़ी करते है और हमारी इज़्ज़त से खिलवाड़ करते है।
तो इसी वजह दे हमारे माता पिता कहते है कि हम ना नहाये और गंदे रहे तो वो लोग हमसे दूर रहे जिससे हमारे साथ रेप ना हो ।
ये सुनकर मुझे बड़ा दर्द हुआ।
फिर मैंने सोचा कि इनके लिए कुछ करना चाहिए ,
तब मैंने दिल्ली सरकार से बात की और मुझे लैंगिक जागरूकता के लिए मुझे कुछ स्कूल दीजिये जहा मैं जागरूकता कर सकू ,
फिर उन्होंने मुझे 15 स्कूल दिए ,
और फिर मैं आगे भी और जगह जाती हु और मैने स्लम्स में जाकर इन बच्चो द्वारा टैलेंट हंट कराकर मैंने इनकी प्रतिभा को बाहर लाया ।
मुझे बहुत खुशी मिलती है उन सभी के चेहरों पर खुशी देख कर ।
और मैं आगे भी ऐसे ही जागरूक करती रहूंगी।
◆ नेहा फाउंडेशन के कार्य उद्देश्य है और निकट भविष्य में आपको कौन से महत्वपूर्ण परिवर्तन करने हैं?
● नेहा फाउंडेशन के उद्देश्य है कि मैं समाज में जागरूकता कर सकू और सभी महिलाओं को शशक्त कर सकू ।
मैंने 70000 लड़कियों को भी लैंगिक जागरूकता प्रदान की है ।
और ऐसा करने वाली मैं सबसे पहली महिला हूं जिसने ये कार्य किया ।
मैं चाहती हु आगे बढ़कर और दूसरे हिस्सों में भी जागरूकता कर सकू ।
◆ भारत में इतना विकास होने के बावजूद भी महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों की घटनाएं कम नहीं हो रही ,आपके अनुसार क्या मुख्य कारण है।
● भारत में इतना विकास होने की बावजूद भी महिलाओं के खिलाफ अत्याचार होने का मुख्य कारण है निरक्षरता और दूसरी की मदद न करना ।
अभी भी कुछ शहरों में महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे मे नही पता है , और उनको अब भी सिर्फ घरेलो कार्य के लिए माना जाता है।
परन्तु उनको अवसर प्रदान करने चाहिए और शिक्षा प्रदान कर उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना चाहिए ।
और समाज के लोगो को हर एक महिला की इज्जत करनी चाहिए और उनके कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए।
तभी महिलाओ के खिलाफ अत्याचार कम हो पाएंगे।
धन्यवाद
विशाल अहलावत
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