ये कहानी अंतरा की है नाम से ये एक लड़की लगती है लेकिन हरकते लडको वाली उसकी इन हरकतों की वजह है कि उसके घर में कोई और लड़की नहीं हैं।वो सरे काम लडको की तरह करती है और लडको के साथ रह रह कर वो भी खुद को लड़का समझ ने लगी ।इस वजह से स्कूल का कोई भी लड़का उस से दोस्ती नहीं करता है ।
वो लड़की दिल की बहुत अच्छी है धीरे धीरे वो बड़ी हो गयी। तो उसके घर वालो ने कहा की अन्तर अपने बालों को लम्बा करो बहुत हंगामा करने के बाद उसने अपने बाल को लम्बा कर ही लिया लेकिन बालों को लम्बा करने के बाद भी उसकी हरकते नहीं बदली वो ऐसी ही रही लेकिन बाल लम्बे होने के बाद एक कम जरुर की अब स्कूल के लड़के उस से दोस्ती करने लगे, क्यूंकि अब वो शक्ल से लड़की लगने लगी थी लेकिन हरकते अब भी लड़कों वाली ही थी उसको लडको के प्रपोजल आने लगे लेकिन वो किसी का भी प्रस्ताव स्वीकार नहीं करती थी और सबको लगने लगा की ये लड़की लेस्बियन तो नहीं है। क्लास में सब उसको लेस्बियन बोलने लगे लेकिन किसी को क्या पता था की अंतरा की लाइफ में क्या तूफान आने वाला था एक दिन की बात है, जब अंतरा स्कूल बस में बैठी थी तब एक लड़के ने उसको देखा जिसका नाम दिनेश था। वो लड़का उस जगह से अनजान था वह वास्तव में एक बहुत अच्छा लड़का था और बहुत शरीफ था अंतरा वो पहली लड़की थी उसकी ज़िन्दगी में जिसको देखते ही उसको प्यार होगया दिनेश को नहीं पता था की अंतरा कैसी लड़की है उसने उसको प्रपोज करने के लिए सोचा एक दिन दिनेश ने उसकी फ्रेंड से कहा की वो अंतरा को पसंद करता है ।और एक बार अंतरा से उसके बारे में बात करे नेहा ने अंतरा को दिनेश के बारे में सीधे नहीं बताया नेहा ने उससे झूठ बोला की दिनेश को तुमसे कुछ काम है अंतरा उस से मिलने गयी तो दिनेश ने हिम्मत करके अपने दिल की बात अंतरा को बोल दी उस वक़्त अंतरा को कुछ समझ नहीं आया अंतरा ने दिनेश से कुछ वक़्त माँगा कुछ दिनों बाद अंतरा ने दिनेश को मिलने के लिए बुलाया और दिनेश को उसने हाँ बोल दी अंतरा के पास हाँ बोलने के पीछे एक अच्छा कारण था। वो अपने नाम के पीछे से लेस्बियन हटाना चाहती थी अंतरा को ये लगता था की उसके हाँ बोलने से उसके नाम के पीछे से लेस्बियन शब्द हट जायेगा अंतरा दिनेश से प्यार नहीं करती थी उसने सिर्फ अपने नाम के पीछे से लेस्बियन शब्द हटवाने लिए उसको हाँ बोली थी उसको पता था की दिनेश एक अच्छा लड़का है। वो उसके साथ कुछ गलत नहीं करेगा दिनेश बहुत सिंपल और होशियार था फिर कुछ टाइम बाद दोनों का मिलना शुरू हुआ धीरे धीरे मिलते मिलते अंतरा को दिनेश से प्यार होगया और वैसे भी किसी ने सही लिखा है ।लड़की कितनी भी बोल्ड क्यों न हो उसकी लाइफ में भी कोई न कोई आ जाता है जिसके सामने उसकी भी आँखें झुक जाती है ऐसा ही कुछ अंतरा के साथ हुआ अब वो दिनेश को बहुत प्यार करने लगी थीं दिनेश अंतरा से दो साल बड़ा था दिनेश नॉन मेडिकल में था और अंतरा मेडिकल में सब कुछ अलग होते हुए भी ऐसा क्या था जो उन दोनों को अलग नहीं होने दे रहा था वो सिर्फ प्यार था दिनेश का एडमिशन बी फार्मेसी में हो गया और अंतरा का एडमिशन मेडिकल कॉलेज बेंगलुरु में अंतरा का लक्ष्य डॉक्टर बनने का नहीं था उसका लक्ष्य तो एक्टर या राइटर बनना था लेकिन उसके पापा चाहते थे की वो डॉक्टर बने इसीलिए वो अपने पापा के सपने को पूरा करने की कोशिश कररही थी और उसने अपने पापा का सपना पूरा भी किया उसने
एम. बी. बी. एस करली और उसकी प्रक्टिस बेंगलुरु के एक हॉस्पिटल में शुरू भी हो गयी। वहा पर एक पेशेंट था अभिमन्यु जो की वैसे तो नार्मल था लेकिन एक साल से बेड पर था उसकी माँ के मर जाने के बाद से वो बेड पे ही था अभिमन्यु के पापा बहुत बड़े व्यापारी थे अंतरा उसके कमरे में गयी और उसको देखा तो डॉक्टर से उसके बारे में पूछा तो डॉक्टर ने उसको कहा की अंतरा तुम उसको ठीक कर सकती हो अंतरा ने बोला मैं कोशिश करुँगी अभिमन्यु को ठीक करने की डॉक्टर ने कहा की अगर तुम इसको ठीक करने में सफल हुई तो मैं तुम्हे दुनिया के नंबर १ हॉस्पिटल में लगवा दूंगा उसने डॉक्टर को हाँ बोल दिया अंतरा ने अभिमन्यु के बारे में एक बात पता करली थी की ये अपनी माँ के मर जाने का एहसास उसको करना बहुत जरुरी था ।उसको रुलाना बहुत जरुरी था ।इसीलिए अंतरा ने अभिमन्यु को हॉस्पिटल से घर ले जाने के बारे में सोचा और उसने डॉक्टर से उसको घर ले जाने के लिए बोला डॉक्टर ने अंतरा की बात मान ली और अंतरा उसका इलाज अब घर पे करने लगी वो रोज अभिमन्यु के घर जाती लेकिन अभिमन्यु कुछ भी नहीं कर रहा था एक दिन अंतरा ने अभिमन्युं की माँ की तस्वीर अभिमन्यु के कमरे में लगा दी अब अभिमन्युं उस तस्वीर को देख के कुछ बोलने की कोशिश करता ये देख कर अंतरा ने उसकी माँ की तस्वीर को जला दिया अभिमन्यु रियेक्ट तो करता लेकिन उसमे कोई सुधर नहीं आ रहा अभिमन्यु रियेक्ट तो करता लेकिन उसमे कोई सुधार नहीं आ रहा था ये देख के अंतरा ने उसकी माँ का एक्सीडेंट वाला सीन दोबारा दोहराया उसमे अंतरा को बहुत इंजरी हुई लेकिन अभिमन्युं रोने लगा लेकिन अभिमन्युं अभी पूरी तरह ठीक नहीं हुआ था। अभिमन्युं का एक हाथ काम नहीं कर रहा था अंतरा ने हार नहीं मानी और अभिमन्युं का हाथ ठीक कर ही दिया और धीरे धीरे अंतरा उसके साथ वक़्त गुजरने लगी
और उसको उसके साथ रहना अच्छा लगने लगा अभिमन्युं को अंतरा से प्यार होने लगा लेकिन अंतरा को तो सिर्फ दिनेश से ही प्यार था ।अभिमन्युं और अंतरा बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे अभिमन्युं अंतरा से बहुत प्यार करता था लेकिन उसने उसको कभी नहीं बताया था क्यूंकि अभिमन्युं को डर था की कहीं वो अपनी दोस्त को न खो दे दिनेश ने भी अपनी बी फार्मेसी प्री कर ली और अंतरा के हॉस्पिटल में ही नौकरी लग्वाके अंतरा को सरप्राइज दिया और अंतरा से वादा लिया की वो उनके रिश्ते के बारे में किसी को नहीं बतएगी अंतरा ने दिनेश की बात मन ली और अपनी रिश्ते की बात किसी को नहीं बताई दिनेश का बेंगलुरु आके अंतरा को सरप्राइज करना नहीं था ।बल्कि वो तो अंतरा के लिए अक अच्छा लड़का देखने आया था वो चाहता था की अंतरा की शादी अपने मरने से पहले ही करा दूँ, क्योंकि दिनेश को हार्ट कैंसर था और उसके पास जयादा टाइम नहीं था ।एक दिन दिनेश ने अंतरा को अभिमन्युं के साथ देख लिया वो दोनों बहुत खुश थे। ये देख कर दिनेश ने सोचा की ये लड़का अंतरा के लिए अच्छा होगा दिनेश ने अभिमन्युं से बात करना शुरू किया और उस से बात करके पता चला की अभिमन्युं अंतरा से बहुत प्यार करता है तो दिनेश बहुत खुश हुआ और उसने उन दोनों को मिलवाने के लिए सोच लिया
पर दिनेश ये नही जनता था की वो दिनेश के अलावा किसी और से प्यार नहीं करती और वो अभिमन्युं को सिर्फ अपना दोस्त मानती थी एक दिन उसने दोनों को बुलाया और अभिमन्युं को अंतरा को प्रोपोस करने को बोला अंतरा ने गुस्से में दिनेश को चांटा मार दिया और गुस्से में अभिमन्युं को हाँ बोल दी अब दिनेश बहुत खुश हुआ लेकिन अंतरा ने अभिमन्युं को गुस्से में हाँ बोली थी पर उसने अभिमन्युं के साथ सगाई रचाने का फैसला लिया और उनकी सगाई तय हो गयी अंतरा ने दिनेश को अपनी सगाई में बुलाया और जब दिनेश सगाई में पहुंचा तो अंतरा ने गुस्से में दिनेश को न जाने क्या क्या बोल दिया दिनेश उसकी बात सुनता रहा और इतना सब कुछ सुन कर दिनेश बेहोश हो गया और जमीन पर गिर गया फिर अंतरा ने अभिमन्युं को आवाज़ लगाई और वो दोनों उसको हॉस्पिटल ले गए हॉस्पिटल ले जाने के बाद डॉक्टर ने चेक किया तो पता चला दिनेश को हार्ट कैंसर है अंतरा ये बात सुनके रोने लगी और उसने अभिमन्युं को अब कुछ सच सच बता दिया ये सब सुन ने के बाद अभिमन्युं अन्दर से पूरी तरह से टूट चूका था। लेकिन अभी वो दिनेश की ज़िन्दगी बचाने की सोच रहा था क्योंकि वो अंतरा से बहुत प्यार करता था ।और अंतरा दिनेश से,
अभिमन्युं अंतरा की आँखों में आंसू नहीं देख सकता था वो डॉक्टर के पास गया और डॉक्टर से कहा की दिनेश को बचा लो डॉक्टर ने अभिमन्युं को बताया की दिनेश की लाइफ बच्च सकती है अगर कोई उसको अपना हार्ट दे दे तो ये सुन के अभिमन्युं ने सोचा की मैं अपना दिल दिनेश को दूंगा
उसने ये सब अंतरा को नहीं बताया और डॉक्टर को कह दिया की मैं अपना दिल दिनेश को देने के लिए तैयार हूँ। डॉक्टर ने उसकी बात मानली और अभिमन्युं का दिल निकाल लिया गया अब बात ये आती है की उसने ऐसा क्यूँ किया ? अभिमन्युं चाहता तो अंतरा से शादी कर सकता था लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया क्यूंकि उसको पता था की
प्यार में साथ होना जरुरी नहीं होता प्यार का होना जरुरी होता।
और अंतरा अब जिस दिल से प्यार करती है वो दिल अब अभिमन्युं का है अभिमन्युं ने अपने सच्चे प्यार के लिए अपना दिल ही कुर्बान कर दिया धन्यवाद।
इस कहानी को दिक्षा ने और मेने लिखा है।
हमारी कहानी को पढ़ने के लिए धन्यवाद।
विशाल अहलावत
दिक्षा सिहनमार